श्री मनोज कुमार जैन

Manoj Kumar Jain Politician

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श्री मनोज कुमार जैन

श्री मनोज कुमार जैन जी जैन समाज के होनहार प्रतिनिधि, एक समर्पित और जुझारू सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता एवं वर्तमान में दिल्ली MCD में मनोनीत निगम पार्षद एवं दिल्ली भाजपा के जाने माने नेता हैं। नेता होने के साथ ही आप एक बड़े समाज सेवी के रूप में भी जाने जाते हैं। इसके साथ ही आप सहयोग दिल्ली के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। वहीं इसके अलावा आप तरुण मित्र परिषद के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं।

आप प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से काफी प्रभावित रहे हैं और उनके द्वारा दिखाए निस्वार्थ जनसेवा के मार्ग पर चलते हुए समाज के उत्थान, जरूरतमंदों के कल्याण और उन्नत राष्ट्र निर्माण के देश के सपने को आगे बढ़ाने में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं।

23 फरवरी, 1969 को दिल्ली में जन्में मनोज जी युवा अवस्था में अपने स्कूल की कक्षाओं को छोड़कर राजनीतिक रैलियों में रिक्शे में बैठकर ऊंची आवाज में अपने चहेते नेताओं के लिए वोट मांगते थे। कैंपेनिंग करने और पोस्टर लगाने की बात करते हुए आज भी उनके चेहरे पर जीत का भाव नजर आता है। राजनीतिक जुड़ाव इतनी प्रबल होने के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण ये रहा कि आपके पिता श्री महेश जैन जी युवा अवस्था से ही राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से जुड़े थे। पिता के नक्शे कदम पर चलते मनोज जी में भी राष्ट्रवादी सोच स्वतः जागृत होती गई।

वो पढ़ाई के साथ ही राजनीति में आगे बढ़ते गए और 2003 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में वो बीजेपी के सबसे कम उम्र के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे थे। मिंटोरोड विधानसभा क्षेत्र से अपनी इलेक्टोरल पॉलिटिक्स की शुरुआत की लेकिन दुर्भाग्य से विजयी नहीं हो पाए, लेकिन बचपन में ही पिता के द्वारा सामाजिक दायित्व की मिली सीख मनोज जी को किसी और दिशा में खींचती गई। लगातार कई वर्षों तक पार्टी में किसी पद से जुड़े नहीं होने के कारण सामाजिक कार्यों के लिए उन्हें अपना रास्ता साफ साफ दिखने लगा। राजनीतिक महत्वकांक्षाएं पीछे छूट गईं और वो अपने सामाजिक दायित्व को निभाने एक अलग रास्ते पर निकल पडे।

मानव सेवा और सहायोग के मिशन पर आगे बढ़ते हुए 2013 में आप 'सहयोग दिल्ली' नाम के NGO की स्थापना की। पिछले सात सालों में हज़ारो भूखों को खाना खिलाने और जरूरतमंदो की सहायता करने का नेक काम इनकी संस्था ने किया है। अपना NGO स्थापित करने से पहले मनोज 'तरुण मित्रा परिषद' के अध्यक्ष भी रहे। 1975 में स्थापित इस संस्था के उनके पिता भी अध्यक्ष रह चुके थे। तब मनोज जी को बतौर सदस्य वहाँ काम करने का मौका मिलता रहा। तीन बार इस संस्था के अध्यक्ष रह चुके मनोज जी इन दिनों इसके उपाध्यक्ष के रुप में उसका काम-काज देखते हैं।

तरुण मित्रा परिषद का उद्देश्य समाज के दबे-कुचले और पीछड़े वंचितों तक उनके जीवन की मूलभूत सुविधाओं को पहुंचाना है। उत्तर प्रदेश के हस्तिनापुर में बने श्रद्धा सदन के वो मुख्य संयोजक भी हैं। आधुनिक सुविधाओं से लैस 60 कमरों वाले इस केंद्र को बुजुर्गों के लिए बनाया गया था लेकिन उसकी मंजूरी नहीं मिलने के कारण अब इसके इस्तेमाल युवाओं को ट्रेनिंग देने, योगा और मेडिटेशन सेंटर के रुप में किया जा रहा है।

पिता ने वॉल पेपर का बिज़नेस जब 1975 में एक डीलरशिप के साथ शुरु किया तो मालूम नहीं था कि समय की बदलती मांग को ध्यान में रखकर उनका बेटा इसे आधुनिक पहचान देगा और पूरे देश में इसे अग्रणी कंपनियों में ला खड़ा करेगा। 1988 में शाहदरा में इसका पहला प्लांट लगाया तो 1994 में उसे पटपड़गंज इंडस्ट्रीयल एरिया में शिफ्ट कर दिया गया। अपने कंपनी ULTRAWALLS को विदेशी धरती पर ले जाना और विदेशियों की नज़र में अपने ब्रांड को एक अलग पहचान दिलाने में उन्होंने एक बड़ी कामयाबी हासिल की।

सहयोग के करीब सात साल की यात्रा को याद करते हुए ऊन्हें गर्व महसूस होता है कि जिस उद्देश्य से इसकी स्थापना की गई थी आज वो उसपर सरपट दौड़ रही है। मोदी जी की पहली ऐतिहासिक जीत पर अशोक रोड़ पर जो मोदी टी स्टॉल लगाई गई थी जिसमें करीब 30,000 लोगों ने चाय पी वो मनोज जी के ही प्रयासों का नतीजा था।

प्राकृतिक आपदा हो या कोई महामारी, जरूरत मंदों तक पहुंचने की शुरुआत उन्होंने अपने जीवन में काफी कम उम्र में ही कर दी थी। साल 2000 में गुजरात में आए भूकंप से बेसहारा हो गए लोगों की सेवा में श्री मनोज कुमार जैन का योगदान बहुत सराहनीय था। विभिन्न प्रकार के राहत कार्यों में अपना योगदान देने के साथ उन्होंने लोगों के घरों के पुनर्निर्माण के लिए महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय प्रयास किए। श्री जैन विभिन्न सामाजिक और जैन समाज की संस्थाओं के पदाधिकारी हैं। उनके सेवाभाव से संस्थाएं परिचित हैं। इसलिए मनोज जी के आह्वान पर संस्था के सदस्यों ने भूकंप पीड़ितों के घरों की मरम्मत कराने का भी बीड़ा उठाया।

गुजरात भूकंप का जिक्र आते ही मनोज याद दिलाते हैं कि कैसे वो मित्रों की मदद से गुजरात गए और कई सारे कार्य किए। रापड़ के एकता नगर में जमीन खरीदी और 26 जनवरी को आए भूकंप के प्रभावितों के लिए 26 गज के सिंगल स्टोरी मकान की बुनियाद रखी और भूकंप प्रभावितों को सर छुपाने का मौका दिया। करोड़ों रुपये के इस प्रोजेक्ट के लिए उन्हें पूरा फंड दिल्ली से ही मिला। और इसमें चार संस्थाओं ने उनकी बढ़चढ़ कर मदद की।

श्री मनोज कुमार जैन ने जैन धर्मावलंबियों की जनगणना जैसे महती कार्य में साल 2001 और 2011 में अपना बहुमूल्य योगदान दिया और इसके लिए जैन समाज की विभिन्न संस्थाओं की ओर से उनका अलंकरण भी किया गया. भारत और विदेशों में बसे जैनियों के साथ वे लगातार संपर्क में रहते हैं और पिछले दो दशकों में उन्होंने जैन समाज के अनगिनत धार्मिक कार्यक्रमों और मिलन-समाराहों का आयोजन कराया है. इससे समाज के लोगों को एकजुट करने और देश को आगे बढ़ाने में अपने संगठित योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करने का एक सुंदर अवसर प्राप्त होता है.

मनोज जी सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाली संस्था सहयोग दिल्ली के संस्थापक अध्यक्ष हैं। संस्था की ओर से देशभर में समय-समय पर चिकित्सा शिविरों का आयोजन होता रहा है। संस्था दिव्यांगों की सेवा के लिए समर्पण के भाव से कार्य करती है और उनके कष्टमय जीवन को थोड़ा आसान बनाने के लिए नियमित तौर पर ट्रायसाइकिलों का निःशुल्क वितरण करती है।

बच्चे भारत का भविष्य हैं और भारत के भविष्य की अच्छी देखभाल तो गर्भावस्था से ही शुरू हो जानी चाहिए। इसी मूलमंत्र को ध्यान में रखकर मनोज जैन जी की अगुवाई में सहयोग संस्था, विभिन्न अस्पतालों के साथ मिलकर गर्भवती महिलाओं की जांच और उचित देखभाल के साथ-साथ बच्चे के जन्म के बाद की सावधानियों और टीकाकरण के महत्वों को लेकर जागरूकता बढ़ाने का काम करती है।

श्री मनोज कुमार जैन जी विभिन्न संस्थाओं और अस्पतालों के साथ मिलकर हेपेटाइटिस बी के टीकारण का कार्यक्रम भी चलवाते हैं। इसमें बहुत सस्ती दरों पर टीके लगाए जाते हैं और जो लोग मामूली रकम चुकाने में भी सक्षम नहीं होते उन्हें बिल्कुल मुफ्त टीके लगवाए जाते हैं।

सर्दी के मौसम में रैन-बसेरों का इंतजाम और गर्मियों में प्याऊ लगवाने के कार्यों को मनोज जैन समाजिक सेवा नहीं, बल्कि मनुष्य होने के नाते अनिवार्य रूप से निभाया जाने वाला मानवता का दायित्व मानकर करते हैं.

कोरोना जैसी महामारी ने लोगों को पलायन करने पर जब मजूबर किया तो मनोज जी ने अपनी सहयोग संस्था की ओर से राशन, भोजन और राहत सामग्री बांटने में कोई देरी नहीं की और इसका कभी श्रेय भी नहीं लिया। इस कार्य के लिए ना तो किसी सोशल मीडिया के पोस्ट में और ना ही किसी टीवी या अखबार की खबरों में उन्होंने अपनी तस्वीर डलवाई । कोरोना से प्रभावित 400 लोगों में खाना बांटने की शुरुआत उनकी संस्था ने की और इसके जरिए देखते-ही-देखते वो करीब 1200 लोगों के भूख मिटाने का नेक काम करते रहे। इस कार्य में 'सहयोग दिल्ली' को बिकानेर वालों से भी बड़ी सहायता मिली जिससे उनका यह सपना साकार हो सका ।

आयुष मंत्रालय ने जब Arsenic Album 30 को कोरोना के खिलाफ जंग में सहायक बताया तो उसकी 6500 से अधिक खुराक सहयोग दिल्ली संस्था ने बांटी। बाद में दिल्ली सेंट्रल डीसीपी के अनुरोध पर इसकी 2000 शीशियाँ उनके कार्यालय में भी पहुंचवाईं जिसे सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के पुलिस बल में बांटा गया।

सामाज के हरेक वर्ग की जरूरतों के लिए लगातार संघर्ष करने वाले मनोज जी राजघाट से विजय घाट तक यमुना पुश्ता को खाली कराने में काफी पहले एक बड़ी भूमिका निभा चुके हैं। सामाजिक कार्यों के लिए परिवार के बड़ों से मिली प्रेरणा की वजह से वो कई छोटे-बड़े कार्यों से लगातार जुड़े रहे। राहगीर का ऐतिहासिक आयोजन भी उनके सामाजिक सरोकार की कहानी बयां करता है जिसमें करीब 25,000 लोगों ने हिस्सा लिया।

सीलिंग की समस्या के खिलाफ प्रदर्शन, युवक-युवतियों के विवाह की व्यवस्था, छात्रों के स्कॉलरशिप की सुविधा, खेल-कूद प्रतियोगिताओं का आयोजन जैसी गतिविधियों में वो पूरे मन से हमेशा लगे रहते हैं। दिल्ली गेट के पास बने मेट्रो स्टेशन का रास्ता अंबेडकर स्टेडियम की ओर दिया गया तो इसे लेकर भी उनहोंने आवाज उठाई। इसी का नतीजा है कि नए फेज में मेट्रो स्टेशन का रास्ता दूसरी छोर पर खोलने का प्रावधान किया गया है।

स्थानीय बाज़ारों में महिलाओं के लिए यूरिनल की व्यवस्था करवाने और उसे कैसे सफल बनाया जाए इसको लेकर भी मनोज जी ने कई बार प्रयास किए लेकिन संबंधित अधिकारियों, कार्यालयों और संस्थाओं के ठीक से नहीं समझ पाने के कारण उनके प्रयासों के बाद भी कोई बेहतर नतीजा नहीं निकल सका। लगातार और बड़े स्तर पर सामाजिक कार्य कईयों के लिए एक चुनौती नजर आ सकते हैं लेकिन ऐसे कार्यों में मनोज जी उत्साहित रहते हैं क्योंकि उन्हें ऐसे कार्यों से ऊर्जा मिलती है जो उन्हें युवा बनाए रखती है।

श्री मनोज जैन और उनके परिवार का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ पीढ़ियों का जुड़ाव है। वे बचपन से ही शाखाओं में शामिल होते रहे हैं और हर कार्य में सक्रिय रूप से योगदान दिया है। श्री मनोज जैन और उनके परिवार का विचारधारा के प्रति समर्पण देखते हुए पार्टी ने उन्हें दिल्ली विधानसभा की दरियागंज सीट से प्रत्याशी भी बनाया था।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के आह्वान को श्री मनोज जैन ने अपने एक निजी लक्ष्य में शामिल कर लिया है। सहयोग मोदी नाम की सामाजिक पहल के माध्यम से स्वच्छता के प्रधानमंत्री के मंत्र को जनमानस तक पहुंचा रहे हैं और जागरूकता अभियान चला रहे हैं।

प्रधानमंत्री की ‘चाय पर चर्चा’ की दूरदृष्टि को समझते हुए श्री मनोज जैन ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बड़ी संख्या में चाय पर चर्चा गोष्ठियों को आयोजन कराया और प्रधानमंत्री के विजन को लोगों तक पहुंचाकर राष्ट्र निर्माण में उनका सहयोग मांगा। चुनाव परिणाम वाले दिन पार्टी मुख्यालय पर विशाल टी स्टॉल का प्रबंध किया गया और करीब 25,000 लोगों के लिए चाय का प्रबंध था।

सहयोगी मोदी पहल के तहत सोशल मीडिया पर भी जोरदार अभियान चलाए जाते हैं और सरकार की कल्याणकारी नीतियों से अवगत कराकर लोगों को जागरूक और लाभान्वित किया जाता है।

चुनाव परिणाम वाले दिन अशोक रोड स्थित पार्टी मुख्यालय पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के लिए शुभकामना संदेश लिखने के लिए दो विशाल संदेश वॉल लगवाई जिस पर श्री रामलाल जी समेत पार्टी और संगठन के कद्दावर नेताओं ने संदेश लिखे। यह वॉल दो दिनों के लिए लगवाई गई थी और इस पर लोगों ने संदेश लिखे जिसे देश-विदेश की मीडिया ने जोर-शोर से दिखाया।

जैन मतावलंबियों के उत्थान और सामाजिक तथा राजनीतिक सहृदयता को देखते हुए श्री मनोज कुमार जैन वास्तव में जैन समाज के सच्चे प्रतिनिधि हैं जिनसे उनके अपने समाज के साथ-साथ अन्य सभी लोग प्रेरणा ले सकते हैं. ऐसे समर्पित व्यक्तियों की समाज को बड़ी जरूरत है. 2023 में दिल्ली के LG ने MCD में मनोनीत निगम पार्षद नियुक्त किया है।

भविष्य के अपने सपनों की बात करते हुए वो कहते हैं कि अगर आने वाली पीढ़ियाँ मुझे एक सामाजिक सेवक और कार्यकर्ता के रुप में जानेंगी तो मैं उसे अपनी बड़ी सफलता मानूंगा। समाज के प्रति समर्पित इस सेवक को मौके और भी कई मिलेंगे और उनका संकल्प है कि वो उन कार्यों को भी संपन्न करने में कोई चूक नहीं करेंगे।

मुख्य पदभार एवं जिम्मेदारियृः-

  • भगवान महावीर देशना फाउंडेशन (बीएमडीएफ) के निदेशक- भगवान महावीर भगवान के धार्मिक उपदेशों को प्रचारित करने और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए संगठन ।
  • तरुण मित्र परिषद के अध्यक्षः- विकलांग और अक्षम लोगों के कल्याण के लिए संगठन, जो उनकी शिक्षा - आवश्यकताओं को वित्तपोषण करके गरीब बच्चों के उद्धार में योगदान करता है और विभिन्न संसाधन प्रदान करता है।
  • फेडरेशन ऑफ़ दरियागंज रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के पेटून दरियागंज के सभी उप-रेजिडेंट - वेलफेयर एसोसिएशनों (20+) के संचार को सभी सरकारी विभागों के साथ समन्वय करना ।
  • सचिव, सनातन धर्म सत्संग सभा (गीता भवन, दरियागंज ) दरियागंज में एक धार्मिक और लोकप्रिय हिंदू - मंदिर |
  • महामंत्री, भारत जैन महामंडल - दिल्ली NCR में विभिन्न अस्पतालों के बाहर गरीब लोगों को भोजन और पानी की मुफ्त वितरण के लिए एनजीओ
  • सहयोग दिल्ली के संस्थापक और अध्यक्षः- एनजीओ जो दिल्ली के लोगों के लिए मेडिकल शिविरों का - आयोजन करता है और कल्याण गतिविधियाँ आयोजित करता है।
  • ऑल इंडिया वॉलपेपर एसोसिएशन (एआईडब्ल्यूए) के संस्थापक और पेटून, और पेपर मर्चेंट एसोसिएशन के सदस्य एमसीडी और पुलिस संबंधित मामलों के लिए सह-समन्वयक ।
  • पुलिस मित्र (दिल्ली पुलिस, केंद्रीय जिला) - 2021 से सक्रिय सदस्य
  • पूर्व सदस्य, फ़िल्म सेंसर बोर्ड - 2004-06 के दौरान पद का कार्यभार निभाया
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